वैसे तो सभी पेड़-पौधो का अपना महत्व होता है। ये पेड़-पौधे मानव जीवन से लेकर जीव जंतु सभी के जीवन को प्रभावित करते है। चाहे वह पौधा फल देता हो या नही देता है उस पर फूल आता हो या नही लेकिन सभी इंसान से लेकर जीव जंतु सभी के लिए महत्वपूर्ण होते है। क्योंकि यह पेड़-पौधे हमे शुद्ध वायु प्रदान करते है। इतना ही नही इनका हमारे घर के आस-पास होना भी शुभ माना जाता है। रातरानी का पौधे का नाम तो सभी ने सुना होगा। इस पौधे मे फूल रात के समय ही खिलते है। इतना ही नही रातरानी के फूल मदमस्त खुशबू बिखेरते हैं। इसकी खुशबू बहुत दूर तक जाती है। इसके छोटे-छोटे फूल गुच्छे में आते हैं तथा रात में खिलते हैं और सवेरे सिकुड़ जाते हैं। इसलिए इसे रातरानी का पौधा कहते हैं। रातरानी का पौधा एक सदाबहार झाड़ी वाला 13 फुट तक हो सकता है। इसकी पत्तियां सरल, संकीर्ण चाकू जैसी लंबी, चिकनी और चमकदार होती हैं। फूल एक दुबला ट्यूबलर जैसा साथ ही हरा और सफेद होता है।
रातरानी पौधे के फायदें
रातरानी के फूल साल में 5 या 6 बार आते हैं। हर बार 7 से 10 दिन तक अपनी खुशबू बिखेरकर बहुत ही शांतिमय और खुशबूदार वातावरण निर्मित कर देते हैं। इससे वास्तुदोष भी दूर होता है। रातरानी की सुगंध सूंघते रहने से जीवन के सारे संताप मिट जाते हैं। हर तरह का मानसिक तनाव हट जाता है। स्नायु रोग में रातरानी का पौधा और उसका फूल बहुत ही फायदेमंद रहता है। रातरानी की सुगंध से सभी तरह की चिंता, भय, घबराहट आदि सभी मिट जाती है। सुगंध में इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
रातरानी और चमेली के फूलों से महिलाएं गजरा बनाती हैं, जो बालों में लगाया जाता है। इसे लगाने से महिलाओं का मन हमेशा प्रफुल्लित और प्रसन्नचित रहता है। रातरानी के फूलों का इत्र भी बनता है। रातरानी के इत्र में स्नान करने या इसकी सुगंध सुगने से भी मस्तिष्क का दर्द चला जाता है। सुबह रातरानी के सुगंधित जल से स्नान कर लें। दिनभर बदन में ताजगी का एहसास रहेगा व पसीने की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलेगा। इसकी खुशबू से मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिसके चलते व्यक्ति की सोच पर भी काफी फर्क पड़ता है जिससे व्यक्ति की सोच सकारात्मक होने लगती है।